एमएसएमई नीति में हुआ बदलाव, निवेशकों को बैक गारंटी प्रदान करना होगी

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कैलाश कृपा। एमएसएमई (msme) नीति में सरकार ने कुछ बदलाव किया है जिसके तहत अब निवेशको को राहत मिलेगी। निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में छूट का लाभ उठाने के लिए अब बैंक गारंटी प्रदान करना अनिवार्य है।

नए नियमों के तहत सरकार द्वारा बताया गया है कि बैंक गारंटी स्टांप शुल्क से मिलती-जुलती होना चाहिए और उससे मेल खाना चाहिए उसी के बाद आगे की कार्यवाही को पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उत्पादन शुरू होने के लिए नियमों का विशेष ध्यान रखा जाएगा साथ ही उत्पादन शुरू करने के लिए पुष्टी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक द्वारा पूर्ण की जाएगी।

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एमएसएमई नीति 1 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी

आपको बता दें कि 1 वर्ष पूर्व यह एमएसएमई नीति शुरू की गई थी जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए 2022 में इस नीति को जारी किया गया था और छोटी इकाइयों को प्रोत्साहित देने के लिए और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने लिए थे।

इस नीति में औद्योगिक पार्को, संपदा और फैक्ट्री कांपलेक्स को क्रय करने के लिए 100% से ज्यादा छुट देने का सरकार की ओर से प्रावधान किया गया था और उसके साथ ही अन्य और प्रावधान थे जिससे उन्हें स्टैंप ड्यूटी में छूट मिल सके।

स्टांप शुल्क में मिलने वाले लाभ की गाइडलाइन

स्टांप शुल्क में लाभ लेने के लिए 10 एकड़ या उससे अधिक में उद्योग स्थापित करने हेतु इच्छुक निवेशको को सरकार की ओर से स्टांप शुल्क पर छूट देने का प्रावधान है। महिला उद्यमी को कहीं भी अपने इकाई लगाने पर उन्हें पूर्ण रूप से सरकार की ओर से छूट प्राप्त करने का प्रावधान है।

गौतम बुद्ध और गाजियाबाद को हटाकर मध्यांचल और पश्चिमांचल पर उद्यमियों को सरकार की ओर से जो छूट दी जाएगी वह 75% की होगी। इसके अलावा सरकार द्वारा बुंदेल में स्टांप शुल्क पूर्ण रूप से छूट प्रदान करने का प्रावधान जारी किया गया।