पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने पर होते हैं यह 3 बड़े नुकसान

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श्रीनगर, कैलाश कृपा। यदि आपका पीपीएफ खाता है और वह निष्क्रिय हो गया तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। ईपीएफ खाते पर अभी 7.1 फ़ीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है और यह सावधि जमा पर इसका ब्याज दर घटकर 6 फ़ीसदी से भी ज्यादा नीचे आ गया है जहां पीपीएफ खाते में ब्याज दर अधिक मिलता है और कर में भी छूट मिलती है वहीं दूसरी ओर अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है तो आपको यहां तीन तरह के नुकसान उठाना पड़ सकते हैं।

पीपीएफ खाते में सरकार ने इसके नियमों में कुछ बदलाव किया है इसके तहत विशेष स्थितियों में आपके खाते को निष्क्रिय करने की अनुमति दी गई है जिस स्थिति में आपका खाता निष्क्रिय किया जाता है उसके अंदर जानलेवा बीमारी बच्चों की शिक्षा और उनके खर्च शामिल है जो कि निष्क्रिय खाते होने पर आपको इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है क्योंकि बच्चों की शिक्षा और बच्चों के खर्च और इलाज यह महत्वपूर्ण है लेकिन पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने पर आपको इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है।

पीपीएफ के दूसरे नुकसान में अमूमन तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने तक आपका जितना पैसा जमा हुआ है उसके अनुसार आपको उस पैसे के अनुसार लोन मिल सकता है लेकिन निष्क्रिय हुए पीपीएफ खाते पर आपको यह सुविधा और इसका लाभ नहीं ले सकते हैं।

तीसरे नुकसान में खाताधारकों को यदि कोई पीपीएफ खाता खुला हुआ हैं और वह निष्क्रिय हो चुका हैं और आप यदि कोई अन्य पीपीएफ खाता खुलवाना चाहता है तो वह उसके लिए अप्लाई नहीं कर सकेगा क्योंकि नियमों के अनुसार आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति का एक ही खाता हो सकता है।

अगर वह व्यक्ति अन्य खाता खुलवाना चाहता है तो वह ऐसा नहीं कर सकता है हालांकि जो निष्क्रिय खाता हो चुका है उसकी परिपक्वता अवधि के समाप्त होने के बाद आपको पीपीएफ खाते में जितनी भी रकम है उसके अनुसार आपको ब्याज की राशि का भुगतान किया जाएगा। पीपीएफ का खाता इन एक्टिव होने की कुछ जानकारों ने यह भी वजह बताई है कि अधिकतर पीपीएफ खाते में जो न्यूनतम राशि होती है वह जमा करनी होती है लेकिन किसी कारणों की वजह से यदि आप न्यूनतम राशि जमा नहीं कर सकते हैं तो वह भी इसका मुख्य कारण हो सकता है।

दूसरा एक और जो कारण बताया गया है उसके अनुसार आपके खाते में हर साल 500 रूपए का निवेश करना अनिवार्य है। अगर यदि आप यहां 500 रूपए सालाना जमा करते हैं और इसकी अवधि 15 साल तक निरंतर नहीं चलने देते हैं तो आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय किया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि आप अपने खाते में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश करते हैं तो आप आयकर की धारा 80 सी के तहत अपनी जमा पूंजी मैं फायदा ले सकते हैं क्योंकि आपको धारा 80 सी के अनुसार आयकर छूट का लाभ मिलने का प्रावधान है।

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निष्क्रिय खाते को पुन- चालू करने पर 50 रूपए की पेनल्टी- यदि आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो चुका है और आप उसे दोबारा चालू करना चाहते हैं तो आपको अपने उस पीपीएफ खाते के बैंक या फिर डाक घर जाना होगा जहां पर आपने अपना पीपीएफ खाता खुलवा रखा है। आपको बैंक द्वारा या फिर डाकघर द्वारा एक फॉर्म भरने के लिए दिया जाएगा इसके बाद आपको नियमानुसार जो कि पीपीएफ खाते में 50 रूपए सालाना पेनेल्टी होती हैं उसका भुगतान करना होगा कुल मिलाकर जितने साला अपने न्यूनतम 500 रूपए जो कि सालाना रहते हैं वह नहीं जमा किए हैं तो इतने साल का आपको 500 रूपए के हिसाब से भुगतान करना होगा और इसके बाद सालाना 50 रूपए पेनल्टी के हिसाब से आपको भुगतान करना होगा। उदाहरण के तौर पर यदि आपने 4 साल अपने पीपीएफ खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं की तो आपको 4 साल के 500 के हिसाब से 2000 रूपए का भुगतान करना होगा साथ ही 4 साल के 50 रूपए सालाना के हिसाब से आपको उसकी प्लेंटी देना होगी।