भूतड़ी अमावस्या पर दिखेगी जनता की आस्था

Spread the love

दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु ओंकारेश्वर में पहुंचेंगे, मोक्ष प्राप्ति का है विशेष महत्व

खंडवा, ,कैलाश कृपा। ओमकारेश्वर में भूतड़ी अमावस्या का लोगों का अपार सैलाब दिखाई देगा जिसमें करीब 500 सुरक्षाकर्मी से ज्यादा तैनात रहेंगे। आज मंगलवार को भूतड़ी अमावस्या पर लोग भारी तादात में शामिल होकर भूत प्रेत से छुटकारा प्राप्त करने में जनता ओमकारेश्वर में शामिल होगी।

मान्यता है कि शरीर में बुरी लगी आत्माएं और उन से छुटकारा पाने के लिए लोग यहां पर भूतड़ी अमावस्या के दिन विशेष तौर पर शामिल होते हैं और उन बुरी आत्माओं को भगाने के लिए यहां पर मेला लगता है। मान्यता है कि यहां पर डुबकी लगाने से प्रेत आत्माओं से जल्द ही छुटकारा मिल जाता है और उन्हें शांति मिलती है।

स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि भूत प्रेत आत्मा रहती है और लोग अपनी समस्याओं से परेशान होकर आज भूतड़ी अमावस्या पर यहां पर स्नान कराकर इस समस्या से छुटकारा पा लेते हैं। इसी के चलते आज लोग काफी संख्या में शामिल होंगे जिसमें भारी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

मध्यप्रदेश के कई जिलों में हुई ओलावृष्टी, बिजली में झुलसे पति-पत्नी

निरीक्षक पुरुषोत्तम विश्नोई के अनुसार एक बाहर से फोर्स बुलाया गया है जिसमें 500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनको अलीराजपुर झाबुआ और इंदौर बटालियन से बुलाया गया है। आने जाने वाले वाहनों के लिए आज यहां पर अलग ही रूट डायवर्ट किया गया है जिसकी वजह से वाहनों को अपना स्थान बदल कर किसी अन्य रूट से निकलना होगा।

यहां पर रूट किया डायवर्ट

खंडवा प्रशासन ने दर्शनार्थियों की संख्या का अनुमान लगाते हुए भारी विशेष बल बुलाया और यह अनुमान है कि अमावस्या पर करीब 2 लाख़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं। वाहनों के आवागमन से जनता को काफी परेशानी हो सकती है इसी के मद्देनजर उन्होंने खंडवा से इंदौर और इंदौर से खंडवा बुरहानपुर की तरफ आने वाले वाहनों को एबी रोड से खरगोन होते हुए अपना रूट जारी रखना होगा। इन वाहनों का रूट परिवर्तन 20 मार्च को 12:00 से 21 मार्च को रात्रि 9:00 बजे तक के लिए परिवर्तित किया गया है।

ऐसी मान्यता है कि भूत प्रेत की योनी 60 से 200 साल की होती है 

शास्त्र अनुसार भूत प्रेत के लिए भी तिथि निर्धारित की गई है जिसमें भूतड़ी अमावस्या पर कई श्रद्धालु शामिल होते हैं। खंडवा के पंडित गणेश जी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि चौर्यासी लाख योनि में एक ऐसी योनी ऐसी भी होती है जिसमें प्रेत योनि को भी शामिल किया गया है।

शास्त्रों के अनुसार प्रेत योनि की उम्र भी निर्धारित है जो कि 60 से 200 साल तक की हो सकती है। पंडित जी ने आगे बताया कि अमावस्या के दिन रात में यह प्रेत योनि काफी उग्र रहती है ऐसे में उन शरीर को अपना निशाना बनाती है जो धर्म कर्म से दान पुण्य से गंगा स्नान से पूर्ण रूप से वंचित रहते हैं। ऐसे लोगों पर इसका खतरा ज्यादा रहता है इसीलिए भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने का शास्त्रों में बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है, जिससे आने वाली समस्याओं से लोगों को छुटकारा मिल जाता है।