सावधान ! टैटू बनवाने से हो सकता है नुकसान, ना करें यह गलती

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कैलाश कृपा ।यदि हाल ही में अपने टैटू बनवाया है तो अपनी हेल्थ का विशेष तौर पर ध्यान रखें क्योंकि टैटू बनवाना कई तरह के संक्रमण की संभावना को बढ़ा देता है जिससे आपको आने वाले समय में कई परेशानियों का संभावना बढ़ सकती है। अतः आज हम आपको टैटू बनवाने से बाद जो समस्या हो सकती है उसके संबंध में जरूरी जानकारी दे रहे है। आज के दौर में टैटू बनवाना आम बात है और इसका ट्रेन भी काफी चल रहा है।

ज्यादातर टैटू बनवाने के बाद आपको यह मालूम नहीं रहता है कि आपको आने वाले समय में इससे क्या समस्या हो सकती है और आपको क्या सावधानी रखनी पड़ती है। उसी के अंतर्गत हम आपको बता रहे हैं कि आपको टैटू बनवाने के बाद खासकर ब्लड डोनेट करने से बचना होगा क्योंकि अगर यदि आप ब्लड डोनेट करते हैं तो आपको संक्रमण की समस्या बढ़ जाएगी। अतः जरूरी है कि आप ब्लड डोनेट ना करें।

सावधान ! टैटू बनवासावधान ! टैटू बनवाने से हो सकता हैने से हो सकता है

अधिकतर देखने में यह सुनने में आता है कि टैटू बनवाने से बाद ब्लड डोनेट करना सही नहीं है ऐसा इसलिए क्योंकि ब्लड से जुड़ी बीमारियां में हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और हेपेटाइटिस सी की संभावना काफी बढ़ जाती है। रक्तदान को महादान माना गया है लेकिन कभी-कभी यह आपके लिए और दूसरों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए ध्यान रखें कि टैटू बनवाने से यह संक्रमण आपको काफी तेजी से हो सकता है और सामने वाले व्यक्ति को भी इस संक्रमण के खतरे की संभावना और ज्यादा बढ़ सकती है।

डॉक्टर के अनुसार माने तो टैटू बनवाने से अधिकतर 6 माह तक ब्लड डोनेट करने की सलाह का कहते हैं कि आपको कम से कम 6 माह तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए लेकिन अक्सर लोगों को इस जानकारी का अभाव रहता है और वह कहीं अपने दोस्तों और रिश्तेदारों या कहीं किसी को अक्सर ब्लड डोनेट की तुरंत आवश्यकता होती है तो आप इस बारे में ज्यादा सोच विचार नहीं कर पाते हैं ।

ब्लड डोनेट करना चाहिए या नहीं क्योंकि आप उस व्यक्ति या डॉक्टर से संपर्क में नहीं आए हैं जिनके द्वारा आपको यह बताया गया है कि ब्लड डोनेट करना आपके लिए और सामने वाले के लिए खतरनाक हो सकता है। अतः आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया जा रहा है कि कम से कम 6 महीने तक आपको ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए।

टैटू बनवाने से संक्रमण के बढ़ने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है

टैटू बनवाने से संक्रमण की समस्या और भी ज्यादा तब बड़ सकती है जब यदि आपने समय और पर्याप्त जानकारी के अभाव में नियत अवधि से पूर्व ब्लड डोनेट कर दिया हो ऐसे में यदि आपने नियत अवधि और पर्याप्त अभाव की जानकारी में ब्लड डोनेट कर दिया है तोआपको ब्लड से जुड़ी बीमारी जैसे हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और हेपेटाइटिस सी की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है हालांकि यह कंफर्म नहीं है लेकिन फिर भी आपको इसकी संभावना काफी बढ़ जाती है इसलिए आप ब्लड डोनेट करने से पहले विशेष तौर से कंफर्म कर ले कि आपको नियत अवधि पूर्ण हो गई है।

इसलिए बढ़ सकती है समस्याएं और उसका कारण

यह समस्या इसलिए बड़ जाती है क्योंकि जब आप टैटू बनवाते हैं तो टैटू बनवाने से उपयोग में हो रही इंक व सूई का पहले से किसी और वयक्ति पर उपयोग किया रहता है और आपको यह पता नही रहता है की पूर्व में जिस व्यक्ति पर इसका उपयोग किया था वह वायक्ति स्वस्थ है या फिर संक्रमित था और यदि वह संक्रमित रहता है तो उस स्थिति में आपके भी संक्रमित होने की संभावना काफी बड़ जाती है जो कि आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है।

टैटू बनवाने के नियम और सावधानियां

हमेशा आप जब भी टैटू बनवाते हैं तो आप अपने आसपास से किसी लोकल जगह से टेटो ना बनवाएं और यदि बनवाते है तो उपयोग में होने वाली सुई का विशेष तौर पर ध्यान रखे और एक बार इस संबंध में अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही टैटू बनाने का डिसीजन ले

इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी अच्छे पार्लर और अच्छी क्वालिटी वाले के यहां से टैटू बनवा रहे हैं। टैटू बनवाने से पहले आप अपने डॉक्टर से भी अवश्य सलाह ले सकते हैं और उसकी टेस्ट रिपोर्ट लेने के बाद ही उनसे यह कंफर्म करें कि आपको कोई संक्रमण तो नहीं है और अगर कोई संक्रमण है तो फिर आप उस चीज का सावधानी रखते हुए टैटू बनवाने वाले से वहां जिक्र करें ताकि वहां उपयोग में होने वाली सुई का उपयोग किसी दूसरे व्यक्ति पर ना करें ।

जरूरत पड़ने पर अन्य रिपोर्ट भी अवश्य करवाए

डॉक्टर से सलाह लेने के बाद अगर वह कहते हैं कि आपको कोई रिपोर्ट करवानी है तो वह भी रिपोर्ट अवश्य करवाएं क्योंकि ऐसे समय में हर एक रिपोर्ट बहुत खास रहती है और भविष्य में वह आपके लिए नया चेकअप के दौरान भी काम आ सकती है।

डिस्क्लेमर – उपरोक्त दी गई जानकारी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुरूप ना समझे क्योंकि इस लेख में दी गई संपूर्ण जानकारी एकत्रित की गई डेटा के आधार पर है अतः आप उपरोक्त स्थिति के अनुसार एक बार आप डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।