Delhi Arts Curriculum Report में हुआ खुलासा, छात्रों की पढ़ाई में होगा बदलाव, अभिभावकों को मिलेगा और Benefit

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कैलाश कृपा । दिल्ली सरकार द्वारा बच्चों की पढ़ाई में परिवर्तन करते हुए सरकार के 9 सरकारी स्कूलों में दिल्ली आर्ट्स करिकुलम की रिपोर्ट (Delhi Arts Curriculum Report) लांच की गई है।

Delhi Arts Curriculum Report की रिपोर्ट के तहत बच्चों में हिंदी अंग्रेजी गणित व अन्य विषयों में सिर्फ किताबों से ही नहीं बल्कि उनको अन्य गतिविधियों में भी शामिल किया जाएगा जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति एक अलग ही नजरिया दिखेगा और इससे बच्चों को बहुत ही फायदा मिलेगा साथ ही अभिभावक भी यह देख कर ज्यादा प्रसन्न रहेंगे।

बच्चों को हिंदी अंग्रेजी गणित व अन्य विषयों में किताबों के अलावा अब म्यूजिक, डांस, थिएटर,  आर्ट  के माध्यम से उन्हें सिखाया जा रहा है और उनकी पढ़ाई को और भी प्रभावशील बनाया जा रहा है।

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Delhi Arts Curriculum Report

दिल्ली सरकार द्वारा सरकार के 9 सरकारी स्कूलों में नालंदावे फाउंडेशन के साथ मिलकर Delhi Arts Curriculum Report प्रस्तुत की गई जिसमें बच्चों की पढ़ाई से संबंधित कईं परिवर्तन दिखाई दिए और उस रिपोर्ट के तहत बच्चों में जो परिवर्तन आए वह आश्चर्यचकित करने वाले थे।

Delhi Arts Curriculum Report

Delhi Arts Curriculum Report के बाद इस प्रोजेक्ट में और भी विस्तारीकरण करने की प्रक्रिया पर सरकार द्वारा सोचा जा रहा है और आने वाले समय में इस पर और ज्यादा बेहतर तरीके से विस्तारीकरण किया जाएगा जिससे बच्चों और अभिभावकों को बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा और पढ़ाई के स्ट्रक्चर में भी बच्चों को अलंग वातावरण मिलेगा।

शिक्षा मंत्री द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें बच्चों द्वारा बनाई गई प्रदर्शनी और कलाकृति के साथ अन्य आर्ट वर्क को देखा और उनको देखने के बाद उन्होंने कहा कि जब बच्चा स्कूल में आता है तब वह बहुत ही ज्यादा ऊर्जावान और लगन सिंह होता है उनकी उत्सुकता को और उड़ान दी जाए और उनके इस उत्सुकता का इस्तेमाल सिखाने में किया जाना बहुत ज्यादा लाभदायक होगा।

शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि करिकुलम के पायलट इसके बाद जो परिवर्तन बच्चों में दिखा है और जो सफलता परिवर्तन आया है वह काबिले तारीफ है।

आर्ट्स को किया जाए शामिल

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कि जब बच्चा छोटी क्लास में होता है तो उनसे पूछा जाता है कि आर्ट्स और म्यूजिक डांस आता है उस समय लगभग सभी बच्चों का जवाब हां में होता है लेकिन जैसे ही बच्चा आगे की क्लास में बढ़ता जाता है वैसे ही धीरे-धीरे उनकी यह उत्सुकता भी कम हो जाती हैं और धीरे-धीरे उनका पूरा आत्मविश्वास खत्म हो जाता है। यह जानकारी ट‍्वीटर पर भी ट‍्वीट की गई है जिसका वीडियो बहुत ज्यादा देखा गया है।

उन्होंने इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आगे बताया कि उनकी उत्सुकता कम ना हो और उनकी पढ़ाई में आर्ट्स को शामिल किया जाए जिससे बच्चों में उत्सुकता बनी रहे और वह अपने करियर में आगे बढ़ते रहें इस पायलट फेस के सफल होने पर बताया कि इस प्रक्रिया को अन्य स्कूलों में भी अपनाया जाएगा जिससे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।

आर्ट एजुकेशन मैं बदलाव के लिए शुरू किया करिकुलम

दिल्ली सरकार के अनुसार आर्ट्स करिकुलम एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके तहत आर्ट एजुकेशन देने में कुछ बदलाव हुए हैं। पिछले कुछ सालों में टीचर और एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा यहां करिकुलम को ज्यादा विकसित किया गया इसके तहत 3 साल से लेकर 13 साल के बच्चों पर विशेष रूप से फोकस किया गया। मौजूदा तौर पर पढ़ाने के तरीकों में पांच आर्ट फॉर्म्स को शामिल किया गया है। इनमें क्रमशः विजुअल आर्ट्स, म्यूजिक, डांस, थिएटर मीडिया आर्ट्स है। 

पायलट तेज में नर्सरी से कक्षा पांचवी तक के बच्चों को आर्ट्स एक्स्पोज़र और प्रदर्शनी के माध्यम से उनकी क्षमताओं को और ज्यादा विकसित किया जाएगा। कक्षा तीसरी से कक्षा पांचवी तक के बच्चों को हिंदी व अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए इनको म्यूजिक पोएट्री का उपयोग किया जा रहा है और इसी प्रकार कक्षा आठवीं तक की कक्षाओं के लिए बच्चों को म्यूजिक थियेटर उपयोग कर उन्हें पढ़ाई में लर्निंग देने का प्रयोग किया गया है।

बच्चों में दिखा बदलाव

पायलट प्रोजेक्ट की सफलता में कई बदलाव छात्रों में दिखाई दिए हैं। छात्रों ने अपनी कई कलात्मक और क्रिएटिविटी का उदाहरण देते हुए स्कूलों में अपना अभिनय सर्वोच्च प्राप्त किया और इसी के साथ बच्चों में इमैजिनेशन और ओरिजिनल आर्ट वर्क बनाकर स्कूल में प्रस्तुत किए गए जोकि बहुत ही कुछ और अच्छी क्वालिटी के थे। इस पर बच्चों ने अपने कहीं अनुभव भी टीचर से साझा किए और बताया कि उन्हें अभी कैसा महसूस हो रहा है और वहां आगे और क्या-क्या क्रिएटिविटी कर सकते हैं।

इस करिकुलम में प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें सभी छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने टैलेंट को सभी के सामने एक बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया और इसी के साथ इन प्रदर्शनी में छात्रों के पैरंट भी शामिल हुए जहां पर उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए बच्चों को आगे बढ़ने के लिए और प्रोत्साहन किया।

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